कोचिंग छोड़कर जाने वाले विद्यार्थियों की फीस होगी REFUND
कोचिंग संस्थानों में फीस की Easy Exit Policy एवं तनाव मुक्त शैक्षणिक वातावरण के संबंध में जिला कलक्टर हरिमोहन मीना की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोटा की पहचान शैक्षणिक नगरी के रूप में है। इसे बरकरार रखने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे। कोटा में देशभर से आने वाले विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कोचिंग के बाद वे यहां से जाएं तो अच्छी छवि को अपनी यादों में सहेजकर रखें। उन्होंनेे बैठक में कोचिंग संस्थानवार वर्तमान में लागू फीस निर्धारण पॉलिसी के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद सहमति के आधार पर कोचिंग संस्थानों, विद्यार्थियों के हित में गाइडलाइन तय करने की बात कही। कई कोचिंग संस्थानों की ओर से पहले ही शुल्क रिफंड के नियम हैं। अब सभी के लिए समान नियम लागू होंगे।
ये होंगे फीस रिफण्ड के आधार
> विद्यार्थी के परिवार में माता-पिता अथवा निजी संबंधी की मृत्यु हो जाने अथवा गम्भीर रोग से ग्रसित होने जाने पर।-कोचिंग में अध्ययनरत विद्यार्थी जिस डिग्री में प्रवेश की कोचिंग प्राप्त कर रहा है, उसमें अध्ययन के लिए शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल जाता है।
> विद्यार्थी मानसिक तनाव में आ जाता है तो मेडिकल रिपोर्ट या कोचिंग के साइकोलॉजिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर कोचिंग छोड़ने पर फीस रिफण्ड की जा सकेगी।-सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से पंजीयन शुल्क अधिकतम 1500 रुपए तक लिया जा सकेगा, जो नॉन रिफेण्डेबल होगा।
इस प्रकार होगी कटौती
-जिला कलक्टर हरिमोहन मीना ने बताया कि यदि विद्यार्थी कोचिंग छोड़ना चाहता है तो उसके कारण के आधार पर कोचिंग में प्रवेश लेने के प्रथम 15 दिवस के अन्दर 15 प्रतिशत की कटौती करने के बाद शेष फीस रिफण्ड की जाएगी। 30 दिवस, 45 दिवस और 60 दिवस के अन्दर कोचिंग छोड़ने पर उतनी प्रतिशत राशि कटौती कर शेष राशि लौटाई जाएगी।
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